एक बेहतरीन कवि(साहित्यकार) कैसे बनें –
सोशल मीडिया पर हर दिन तमाम कवितायेँ आपकी स्क्रीन पर चमकती होंगी।
जिन्हें पढ़कर आपका मन एक ही बात दोहराता होगा “काश ये कविता,कहानी मैनें लिखी होती! या काश ऐसी कविता,कहानी मैं भी गढ़ पाता”
कुछ दोस्त पूछते हैं हिंदी कवितायेँ कैसे लिखें ?
आइये आज जान लेते हैं कुछ जरूरी बातें जिससे आप भी अपने लफ्जों को गहराई दे सकें।
कवि बारीकी से दुनिया ऑब्जर्व करता है –यह बात कितनी सरल जान पढ़ती है की कवि करता ही क्या होगा ?
हम जैसे ही जन्म लेते हैं बड़े आश्चर्य से दुनिया देखते हैं उतने ही आश्चर्य से एक कवि रोज दुनिया को देखता है और यही बात उसे आजीवन कवि बनाए रखती है।
कवि दुनिया को अपने तरीके से समझने की मासूम तो कभी बौद्धिक कोशिशें करता है इस प्रक्रिया में वह कभी कामयाब होता है तो कभी नाकामयाब भी लेकिन वो लगातार जुटा ही रहता है छोटे बच्चे की तरह बिना किसी लालच या स्वार्थ के।
आप हिंदी के बड़े कवि दिनकर ,निराला ,पन्त,अज्ञेय के व्यक्तित्व व रचनाओं में उस छोटे बच्चे की झलक बार-बार देख सकते हैं
इसलिए कहा भी जाता है संवेदनशील लोगों का काम है “लेखन”
जिसके अन्दर आस-पास का माहौल, हालात देख भाव उमड़े और वो उन्हें कलमबद्ध करने /गा सकने में सक्षम हो वही कवि है।
अव्व्वल दर्जे का पाठक होता है एक अव्व्वल लेखक – जब नए-नए नौजवान लेखन में आते हैं तो कुछ के मन में एक भाव घर कर जाता है कि “हम लेखक हैं हम क्यों पढेँ ? हम सीधे लिखेंगे और पाठक बनाएंगे।
लेकिन उन्हें नहीं पता की “बिना पहाड़े पढ़े कोई गणितज्ञ नहीं बना ” हर आने वाले लेखक को कम से कम अपने देश के बीस महान लेखकों का बारीकी से अध्ययन करना ही चाहिए इसके अलावा विश्व साहित्य भी पढेँ तो सोने पे सुहागा।
ध्यान रहे ये कोई लेखक बन जाने का मानक नहीं है किन्तु आप एक बेहतर व्यक्ति ,अच्छे पाठक जरुर बन जायेंगे।
किन किताबों से साहित्यिक यात्रा शुरु करें – कुछ किताबें हैं जिनसे एक बेहतरीन शुरुआत की जा सकती है
1- गोदान (लेखक-मुंशी प्रेमचन्द)
2- गुनाहों का देवता (धर्मवीर भारती)
3- शेखर एक जीवनी (अज्ञेय )
4- आपका बंटी( मन्नू भंडारी)
5- रश्मिरथी(रामधारी सिंह दिनकर)
6- दीवार में एक खिड़की रहती है(विनोद कुमार शुक्ल)
7- कसप (मनोहर श्याम जोशी)
8- नदी के द्वीप( अज्ञेय)
9- अंतिम अरण्य(निर्मल वर्मा)
10- सूरज का सांतवा घोडा ( धर्मवीर भारती)
कवि बनने के शार्टकट –जमाना सोशल मीडिया का है कई बार देखा जाता है झट से लोकप्रिय होने का ट्रेंड कुछ युवा लेखकों पर भी सवार होता-उतरता रहता है इससे नुक्सान पाठकों और स्वयं उसी कवि/लेखक का होता है ,कवि बनने का कोई भी शोर्टकट ना पहले कभी था ना कभी होगा “ना भूतो ना भविष्यति”।
धैर्यवान होता है एक कवि –हिंदी के युवा कवि गीत चतुर्वेदी कहते हैं - कवि के अंदर ताबूत में लेटे मुर्दे जितने धैर्य तो होना ही चाहिए।
ऐन फ्रेंक एक बेहद कम उम्र में मृत्यु पाने वाली लेखिका हैं अपने जीते जी वो बेहद मामूली लड़की थीं जो अपने जन्मदिवस पर मिली डायरी पर अपनी दिनचर्या तथा भावनाएं लिखती थी किन्तु नीदरलैंड में युद्ध के कारण एक कैंम्प में उनकी और उनकी माँ की मौत हुई उसके कुछ समय बाद उनके पिता के हाथ ऐन की डायरी लगी जो प्रकाशित हुई तो करोड़ों पाठकों तक पहुँची कहा जाता है बाइबिल के बाद दूसरे स्थान पर ऐन की डायरी पढ़ी जाती है।
बताते चलें की उस कच्ची उम्र की लड़की में बहुत धैर्य था साथ ही लोकप्रिय होने की कोई इच्छा नहीं थी बस उसने ईमानदारी से अपने को व्यक्त किया जिसका फल उसे मृत्यु के बाद मिला
"कागज़ में मनुष्यों से अधिक धैर्य होता है"
-ऐन फ्रैंक
एक अच्छी रचना किसे कहेंगे – वह रचना जो सबसे पहले उसे लिखने वाले को प्रभावित करे और फिर समाज को !
हर लेखक की प्रत्येक रचना बेहतरीन ही हो ये कतई आवश्यक नहीं है
इसके अलावा भी तमाम तरीके हैं अच्छी रचना को परखने के /
उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी